ऑपरेशन टीम के प्रमुख सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डाॅ. महिम कोशरिया ने बताया कि फियोक्रोमोसाइटोमा या फेयोक्रोमोसाइटोमा एड्रीनल ग्रंथि का एक न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर है, जो कि एक दुर्लभ बीमारी है। यह अनुमान से प्रति 10 लाख लोगों में से लगभग दो से आठ लोगों में पाया जाता है।
इनमें से लगभग 15 प्रतिशत मामले कैंसर के होते हैं। फियोक्रोमोसाइटोमा की वजह से रोगियों में आम तौर पर सिरदर्द, बहुत ज्यादा पसीना आना, दिल की धड़कन का तेज हो जाना और साथ में एक घंटे के भीतर शांत हो जाने वाला दिल का दौरा पड़ता है।
जटिल ऑपरेशन से होता है इलाज
इसका इलाज सिर्फ जटिल ऑपरेशन की मदद से ही होता है। ऑपरेशन के दौरान रक्तचाप काफी बढ़ व घट सकता है, जिसके कारण मरीज को जान का खतरा हो सकता है। हमीदिया में यह ऑपरेशन करने वाली टीम में डाॅ. विजय टेकाम, डाॅ. ज्योति मारन, डाॅ. निखिल, डाॅ. कशिश, डाॅ. राज एवं सिस्टर भावना ने सहयोग किया। एनेस्थीसिया टीम में प्रोफेसर डाॅ. आरपी कौशल, डाॅ. जयदीप सिंह एवं डाॅ. श्वेता श्रीवास्तव