इंदौर । पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी-अफसरों को इंदौर और आसपास के शहरों से अपडाउन न करना पड़े, इसलिए मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआईडीसी) उद्योगों के समीप ही आवासीय टाउनशिप तैयार करने की योजना पर काम कर रहा है।
दरअसल केंद्र सरकार की मंशा है कि औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उसी क्षेत्र में आवासीय सुविधाएं विकसित की जाए ताकि उन्हें कार्यस्थल तक जाने में परेशानी न हो।
इसलिए एमपीआईडीसी ने दो प्रोजेक्ट का प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजा है। जिसमें इंदौर जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं वाली आवासीय सोसायटियों की तर्ज पर पीथमपुर में टाउनशिप विकसित की जाएगी।
पीथमपुर के सेक्टर-1 और 6 में दो टाउनशिप में बनने वाली 22 इमारतों में 1362 फ्लैट तैयार किए जाएंगे। टाउनशिप परिसर में गार्डन, सीसीटीवी सर्विलांस, पार्किंग, चौड़ी सड़कें, प्ले जोन, लिफ्ट, फायर सेफ्टी आदि सुविधाएं मिलेंगी। पीथमपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत टाउनशिप विकसित की जाएंगी। प्रयोग सफल होने पर प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसे लागू किया जाएगा।
पीथमपुर में एक हजार से अधिक उद्योग संचालित किए जा रहे हैं। इन उद्योगों में मप्र सहित अन्य प्रदेशों से आए लाखों कर्मचारी काम करते हैं। इनमें से एक लाख से अधिक लोग इंदौर, राऊ और महू से अपडाउन करते हैं। हर वर्ष इस औद्योगिक क्षेत्र में सात फीसद की दर से कर्मचारियों की बढ़ोतरी हो रही है।
एमपीआईडीसी ने इन्हीं बिंदुओं को लेकर कुछ समय पहले सर्वे किया था, जिसमें पता चला कि पीथमपुर में इन कर्मचारियों के लिए किफायती बजट में 15 से 20 हजार घरों की जरूरत है। इधर पीथमपुर के आसपास निजी कॉलोनियों में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं।
श्रमिकों को मलिन बस्तियों और अवैध बस्तियों में अस्वच्छ परिस्थितियों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसलिए एमपीआईडीसी ने पीथमपुर के सेक्टर-1 और 6 में आवासीय टाउनशिप की प्लानिंग की है।
हाल ही में इन दोनों टाउनशिप का मसौदा तैयार कर स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजा गया है। संभवत: आगामी वर्ष में इन प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। दोनों टाउनशिप में गार्डन, सीसीटीवी सर्विलांस, पार्किंग, प्ले जोन, लिफ्ट, फायर सेफ्टी जैसी अनेक सुविधाएं रहेंगी।
केंद्र सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र के विकास के साथ ही आवासीय क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रस्ताव मांगा था ताकि उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारी पास में ही निवास कर सकें। इसके बाद हमने दो प्रोजेक्ट तैयार कर प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। पीथमपुर में यह प्रोजेक्ट सफल होते ही प्रदेश के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी शुरुआत करेंगे। - राजेश राठौर, कार्यकारी निदेशक, एमपीआईडीसी