ग्वालियर। सेना में अग्निवीर की भर्ती के लिए युवाओं से धर्म प्रमाण-पत्र मांगा जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इसे बनाने को तैयार नहीं। उनका कहना है कि जाति प्रमाण-पत्र बनता है। धर्म प्रमाण-पत्र बनाने का कोई नियम ही नहीं है।
ऐसे में धर्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए युवा भटक रहे हैं। जनसुनवाई में आधा दर्जन युवक धर्म प्रमाण न बनाए जाने की शिकायत लेकर कलेक्टर रुचिका चौहान से मिलने पहुंचे, लेकिन यहां मौजूद अधिकारियों ने प्रमाण-पत्र बनाने से इनकार कर दिया।
ऋषभ त्रिपाठी, संतोष राजावत, अनु राजपूत ने बताया कि वह धर्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए जनसुनवाई में गुहार लगाने आए थे, लेकिन यहां भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। अब हम भर्ती में कैसे हिस्सा ले पाएंगे। भर्ती के लिए सालभर मेहनत की है, जबकि भर्ती के लिए जारी अधिसूचना में साफ लिखा है कि प्रत्येक उम्मीदवार को इस प्रमाण-पत्र की मूल कापी के साथ दो सत्यापित प्रतियां देनी होंगी।
दूसरी ओर प्रशासन ने धर्म प्रमाण-पत्र बनाने से इनकार कर दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जाति प्रमाण-पत्र बनता है। धर्म प्रमाण-पत्र बनाने का कोई नियम नहीं है, इससे अग्निवीर भर्ती के उम्मीदवार परेशान हैं।
कलेक्ट्रेट में जन-सुनवाई में 83 लोगों की समस्यायें सुनी गईं। अपर कलेक्टर कुमार सत्यम व टीएन सिंह सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने एक–एक कर सभी आवेदकों की समस्यायें सुनीं। जन-सुनवाई में आए 83 आवेदनों में से 43 दर्ज किए गए। शेष 40 आवेदन संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को सीधे ही निराकरण के लिए दिए गए। सभी अधिकारियों को समय-सीमा में आवेदनों का निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला मुख्यालय सहित ब्लाक एवं पंचायत स्तर पर आम जनों की समस्याओं के निराकरण के लिए जन-सुनवाई आयोजित की गई। पंचायत स्तर पर पटवारी एवं जीआरएस की उपस्थिति में जन-सुनवाई कर लोगों की समस्याओं का निराकरण किया गया। राजस्व और अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा पंचायत स्तर पर आयोजित जन-सुनवाई का निरीक्षण भी किया गया।