इसी तरह दुर्ग में डीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी, राजनांदगांव में राहुल देव शर्मा, कवर्धा में एएसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल, खैरागढ़ में एएसपी नीतेश गौतम, मोहला-मानपुर में डीएसपी नेहा पवार को प्रभारी बनाया गया है। अधिकांश जिलों में एएसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। उनके साथ इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसपी, हवलदार और सिपाही की टीम रहेगी।
टास्क फोर्स राज्य में अवैध दस्तावेज या बिना दस्तावेज के रहने वाले और बाहर से आने वालों की तलाश करेंगे। इनकी कार्रवाई की हर माह रिपोर्ट बनाई जाएगी, जो हर माह की 5 तारीख तक गृह विभाग को भेजनी होगी। एसटीएफ की पहली बैठक 5 जून को मंत्रालय में होगी। इसकी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश के सभी जिलों में एसटीएफ का गठन किया गया है। ये टीम जिला बल से ही बनाई गई है, जो रुटीन की पुलिसिंग के साथ-साथ टास्क फोर्स का काम करेगी। इसका सुपरविजन जिले में एसएसपी और राज्य में डीजीपी करेंगे। अभी जिला पुलिस के अधिकारी व कर्मचारियों से एसटीएफ का गठन किया गया है।
आने वाले समय में इसका अलग सेटअप तैयार किया जाएगा। इसमें अलग से भर्ती की जाएगी। क्योंकि इनका काम जिला पुलिस से अलग है। झारखंड, बिहार समेत कई राज्यों में एसटीएफ की अलग विंग है। यह विशेष मामलों की जांच और कार्रवाई करती है।
सबसे बड़ी टीम राजनांदगांव में: एसटीएफ की सबसे बड़ी टीम राजनांदगांव में बनाई गई है। इसमें 28 सदस्य होंगे। इसमें एएसपी राहुल देव शर्मा के साथ 4 डीएसपी, 16 इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को रखा गया है। रायपुर में एएसपी ममता देवांगन के साथ सीएसपी पूर्णिमा लांबा, सीनियर टीआई संजीव मिश्रा समेत 8 लोगों की टीम है।
नक्सल जिलों में भी काम करेगी टीम: नक्सल जिलों में भी इसका गठन किया गया है। अवैध अप्रवासियों और घुसपैठियों की तलाश की जाएगी। बाहर से आए लोगों की जांच की जाएगी कि कौन-कौन व्यक्ति या कारोबार बाहर से आया। उनके पास वीजा या पासपोर्ट है कि नहीं? किस काम के लिए आएं है? उनके पास कौन-कौन सा वैध दस्तावेज हैं।
33 जिलों में हो चुका गठन अवैध अप्रवासियों और घुसपैठियों की जांच व तलाश के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सभी जिलों में स्पेशल फोर्स ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। -अमित कुमार, एडीजी गुप्तवार्ता