यहां होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाए जा रहे 8.8 किमी लंबे वैकल्पिक मार्ग का निर्माण इस समय तक पूरा हो जाएगा। इससे देश के सबसे बड़े ब्लैक स्पाट की समाप्ति हो जाएगी। वहीं, प्राधिकरण ने यह प्रयास किया है कि हादसे रोकने के साथ-साथ यहां हरियाली का बसेरा हो।
इसके लिए जगह-जगह पौधारोपण किया जाएगा। साथ ही इस मार्ग पर तीन जल संरचनाएं बनाई गई हैं। इससे पानी की उपलब्धता बनी रहेगी। इससे भूजल संवर्धन होगा और मवेशियों को पानी भी मिल सकेगा।
बता दें, वर्ष 2009 में गणपति घाट का निर्माण करते समय इस घाट में ग्रेडियंट अधिक रख दिया गया था। ढलान अधिक होने के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। करीब 15 साल से दुर्घटनाएं हो रही थीं, लेकिन अब स्थिति सुधरने वाली है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक सुमेश बांझल ने बताया कि देश के सबसे बड़े ब्लैक स्पाट गणपति घाट पर हादसों को रोकने के लिए चल रहे कार्य अब लगभग पूर्णता की ओर हैं। दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। बता दें, गणपति घाट पर औसतन हर महीने चार से पांच लोगों की जान चली जाती थी। अब यह खतरा कम हो जाएगा।