भोपाल। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने मेडिकल पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है।
अब विद्यार्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन मूल्यांकनकर्ताओं के घर पर नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में बनाए जाने वाले विशेष मूल्यांकन केंद्रों में होगा। कॉपियों को स्कैन कर इन केंद्रों पर ऑनलाइन भेजा जाएगा, जहां प्रशिक्षित मूल्यांकनकर्ता उनकी जांच करेंगे। इस कदम से मूल्यांकन में गड़बड़ी और देरी की शिकायतों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।पहले घर पर कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान यह आशंका रहती थी कि मूल्यांकनकर्ता किसी अन्य व्यक्ति से जांच करा सकते हैं या लापरवाही बरत सकते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय ने मूल्यांकन केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे कार्यपरिषद की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।