प्रशिक्षण पर करोड़ों रुपये खर्च
सीएम राइज स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण देने में करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद भी शैक्षणिक गुणवत्ता नहीं सुधर पा रही है। इन स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता भी पर्याप्त है। यहां के शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाता है। इन स्कूलों में कोई भी गतिविधि या कार्यक्रम नहीं होते हैं। इसके बावजूद भी मेरिट सूची में यहां के विद्यार्थी शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इस साल 10वीं का परिणाम अधिक खराब रहा।
विभागीय अधिकारियों का यह तर्क
इस मामले में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि सीएम राइज स्कूलों में सामान्य बच्चे पढ़ते हैं, जबकि उत्कृष्ट व माडल स्कूलों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चुने हुए मेरिट वाले बच्चे पढ़ते हैं। यही कारण है कि इन स्कूलों के बच्चे मेरिट में शामिल होते हैं। इस साल उत्कृष्ट विद्यालय के सात विद्यार्थी राज्यस्तरीय और 15 जिला स्तरीय प्रावीण्य सूची में शामिल हैं।
प्रदेशभर के सीएम राइज स्कूलों के 10वीं-12वीं के परिणाम की समीक्षा की जा रही है। कमियों को चिह्नित कर सुधार किया जाएगा। इस साल के परिणाम में सुधार हुआ है।
- रश्मि अरुण शमी, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा
सीएम राइज हो या अन्य स्कूल, सभी में शिक्षण व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है। इसके बाद ही परिणाम सुधरेगा। 10वीं में अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
- सुनीता सक्सेना, शिक्षाविद