मध्य प्रदेश में संचालित ऐसी कॉमन स्कीम्स जिनका एक ही कार्य के लिए संचालन किया जा रहा है, उन योजनाओं को मर्ज किया जाएगा। वित्त विभाग ने विभागों से कहा है कि केंद्र की योजनाओं के साथ राज्य सरकार की ऐसी योजनाओं को मर्ज कर दिया जाए।
विभागों को जो भी नई योजना शुरू करनी है, उसके लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति के साथ वित्त विभाग को भेजना होगा। जुलाई में विधानसभा में पेश किए जाने वाले बजट की तैयारियों में जुटे वित्त विभाग ने कहा है कि इस बार भी जेंडर बजट, चाइल्ड बजट और कृषि बजट वित्त मंत्री अलग से बताएंगे।
वित्त विभाग की बजट तैयारियों को लेकर जारी निर्देश में कहा है कि इन योजनाओं के लिए बजट सीलिंग के अंतर्गत बजट तय किए जाएंगे। नई योजनाएं वित्त विभाग के स्तर पर ही खोली जाएंगी। भारत सरकार की नई योजनाओं के लिए केंद्र के बजट में प्रावधान होने पर ही राज्य के बजट में ऐसी नई योजना का प्रावधान किया जाएगा।
जिन योजनाओं में कंटीन्यूटी की जरूरत नहीं होगी, उसमें बजट प्रस्ताव नहीं दिए जाएंगे। एक समान योजनाएं होने की स्थिति में ऐसी योजनाओं के संविलियन का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजना होगा। यह निर्देश भी दिए हैं कि पिछले वित्त वर्ष में जिन योजनाओं के प्रावधान किए गए हैं, उन सभी योजनाओं के प्रस्ताव विभाग वर्ष 2024-25 के बजट के लिए भेजेंगे और जिनमें बजट की जरूरत नहीं है, उसमें शून्य बजट की जानकारी दी जाएगी।
छूट से राजस्व नुकसान तो जानकारी देंगे विभाग
वाणिज्यिक कर, ऊर्जा, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के साथ एमएसएमई, नवीन और नवकरणीय ऊर्जा तथा विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी, राजस्व और लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा नियमों के आधार पर पिछले दो सालों से अगर कहीं छूट दी जा रही है और इससे विभाग के राजस्व पर प्रभाव पड़ रहा है तो इसकी जानकारी भी वित्त विभाग को ऐसे विभागों की ओर से देना होगी। यदि किसी विभाग में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी की अब तक पदस्थापना नहीं है लेकिन आने वाले समय में पदस्थापना संभावित हो तो विभाग के प्रस्ताव में इसका उल्लेख किया जाना चाहिए।
संचालित न होने वाली योजनाएं बजट सीलिंग में आएंगी
जिन योजनाओं को आगामी वर्षों में संचालित नहीं किया जाना है उनका व्यय बजट सीलिंग में शामिल कर विभाग बजट प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजेंगे। नई नियुक्तियों और सेवानिवृत्ति के चलते आने वाले व्यय भार की जानकारी विभागों को अलग से भेजना है। विभाग ने कहा है कि महिलाओं की योजनाओं के मद्देनजर जेंडर बजट, बच्चों के सर्वांगीण विकास के चलते चाइल्ड बजट और कृषकों को लाभ दिलाने के लिए इनसे संबंधित बजट का प्रावधान बजट प्रस्ताव में अलग से देना होगा। जेंडर बजट और चाइल्ड बजट में उन योजनाओं का उल्लेख अलग से करना होगा जिसमें 100 प्रतिशत बजट लगेगा और उनका अलग डिटेल देना होगा जिसमें 30 प्रतिशत बजट खर्च प्रस्तावित होगा।
ऐसे चलेगा विभागों से बजट प्रस्ताव लेने और बैठकें करने का दौर