ग्वालियर। चीतों की धरती कूनो नेशनल पार्क में खुशखबरी की घड़ी पास आ गई है। गर्भवती मादा चीता वीरा का प्रसव कभी भी संभव है। यही वजह है कि वीरा की निगरानी बढ़ा दी गई है। बदले मौसम यानी जंगल क्षेत्र में सर्दी के कारण मादा चीता थोड़ी असहज है।
हालांकि इसे बाड़ा नंबर आठ में रखा गया है, जिसका क्षेत्र काफी बड़ा है। दो दिन पहले वीरा ने लंबी घास पर अपना ठिकाना जमाया भी था लेकिन यह जगह उसे कम पसंद आई। अब वह बच्चों को जन्म देने के लिए सुरक्षित लंबी घास वाला कोई अन्य स्थान ढूंढ रही है। मेडिकल टीम लगातार निगरानी कर रही है।
कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन के लिए अभी पहली प्राथमिकता मादा चीता वीरा ही है। दूर से ट्रैकर से उस पर निगाह रख उसकी गतिविधियों को लगातार रिपोर्ट किया जा रहा है। बता दें, भारत की धरती पर अब तक 17 शावकों का जन्म हो चुका है। इनमें से 12 जीवित हैं। वर्तमान में कूनो नेशनल पार्क में 12 शावक व 12 वयस्क चीते हैं।
मादा चीता ज्वाला जिसे पहले सियाया के नाम से जाना जाता था, ने भारत में पहली बार 23 अप्रैल, 2023 को चार चीता शावकों को जन्म दिया। 23 जनवरी, 2024 को मादा चीता ज्वाला ने दोबारा चार शावकों को जन्म दिया।
इससे कुछ सप्ताह पहले तीन जनवरी, 2024 को मादा चीता आशा ने भी तीन शावकों को जन्म दिया था। गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को जन्म दिया था। इनमें से दो शावकों की मौत हो गई थी। भारतीय धरती पर मां बनने वाली वीरा चौथी मादा चीता होगी।