भोपाल की भोज (ओपन) यूनिवर्सिटी कैम्पस में तेंदुए के मूवमेंट से दहशत है। रात में 2 बार तेंदुआ घरों के आसपास घूमते दिखाई दिया, लेकिन सर्चिंग में गायब हो गया। मंगलवार दिन में अभी तक तेंदुआ नजर नहीं आया है। कुछ दिन पहले भी यहां तेंदुआ देखा गया था। DFO आलोक पाठक ने बताया कि तेंदुए को बाहर खदेड़ रहे हैं। पिंजरे भी लगाए हैं।
भोज यूनिवर्सिटी कैम्पस 25 एकड़ में फैला है। यह चूना भट्टी और सर्व-धर्म पुल (कोलार रोड) के बीच है। इसके बीचों-बीच से कलियासोत नदी गुजरी है। वहीं, पीछे वाल्मी की पहाड़ी है। केरवा क्षेत्र भी कुछ दूर ही है। केरवा और कलियासोत का इलाका बाघ का एरिया है, इसलिए यहां अक्सर बाघ और तेंदुए का मूवमेंट रहता है। कैम्पस में करीब 50 परिवार रहते हैं।
10 कर्मचारियों की टीम रातभर करती रही सर्चिंग
तेंदुए के मूवमेंट के बाद यूनिवर्सिटी कैम्पस में रातभर 10 कर्मचारियों की टीमें सर्चिंग करती रही। डीएफओ पाठक समेत अन्य अफसर भी मौके पर पहुंचे। अफसरों ने बताया कि कैम्पस के पीछे जंगल है। तेंदुआ वही से आया है। यहां पर कई टाइगर और तेंदुए है। तेंदुए को खदेड़ने पर फोकस है।
कैम्पस में कुत्तों की संख्या ज्यादा
डीएफओ पाठक ने बताया, कैम्पस में कुत्तों की संख्या भी ज्यादा है। संभवत: शिकार की तलाश में तेंदुआ कैम्पस में आ गया।
बच्चों को घर के बाहर या पार्क में नहीं खेलने दें
DFO पाठक ने बताया, शाम ढलने के बाद लोगों को घरों में रहने को कहा गया है। अंधेरा होने पर तेंदुए के हमले की संभावना बढ़ जाती है। कैम्पस में रहने वाले लोग खिड़की-दरवाजे भी बंद करके रखें। बच्चों को घर के बाहर या पार्क में नहीं खेलने दें। जरूरत पड़ने पर 3-4 लोगों के समूह में ही बाहर निकले।
दो साल पहले टाइगर भी घूमते मिला था
फरवरी 2022 में यहां टाइगर घूमते दिखा था। तत्कालीन कुलपति जयंत सोनवलकर के बंगले के गेट पर लगे CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग जब सामने आई, तो सबके होश उड़ गए थे। टाइगर बंगले की बाउंड्रीवॉल के अंदर एक घंटे तक घूमता रहा। गीली मिट्टी पर जानवर के कुछ फुटप्रिंट मिले थे। जांच में यह टाइगर के निकले थे।
स्वर्ण जयंती पार्क से पकड़ में नहीं आया
25 दिसंबर 2021 को यूनिवर्सिटी के ठीक सामने स्वर्ण जयंती पार्क में तेंदुए का मूवमेंट देखने को मिला था। इसके बाद सर्चिंग की गई थी, लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया था। तेंदुए की दहशत में करीब 20 दिन तक पार्क बंद रखा गया था। तेंदुए को खदेड़ दिया गया था। इसके बाद तेंदुआ दिखाई नहीं दिया था।