भोपाल। शिक्षा के पावन आलोक से अपने जीवन में उन्होंने कई जिंदगियां संवार दीं, जब मृत्यु का वरण किया तो भी महादान कर दिया। इससे हर कोई उन्हें नमन कर रहा है। सागर निवासी 56 वर्षीय हरि शंकर धिमोले पेशे से शिक्षक थे। कैंसर की बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। उनके संकल्प के अनुसार उनकी किडनी परिजनों ने दान की हैं। हरिशंकर धिमोले सरकारी शिक्षक थे। साथ ही क्षेत्रवासियों को शिक्षा के प्रति जागरूक भी करते थे। किरण फाऊंडेशन के सचिव डा. राकेश भार्गव के अनुसार, उनका ब्रेनडेड होने पर परिवार ने नेत्रदान और त्वचा दान के लिए भी सहमति दी, लेकिन पहले उनका कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज चला था। ऐसे में अन्य अंगों का दान नहीं हो सका।हरि शंकर के बेटे विनीत धिमोले ने बताया कि पिता शिक्षक होने के साथ समाज को जागरूक करने का कार्य भी करते थे। उनका मानना था कि जीवनदान से बड़ा कोई दान नहीं होता। भतीजे सौरभ ने बताया कि उनके पिता अनिल धिमोले और चाचा हरि शंकर धिमोले ने एक रोज आपस में चर्चा करते हुए अंगदान करने का फैसला लिया था, तब पूरे परिवार ने अंगदान के लिए सहमति दी थी।
एक किडनी बंसल को तो दूसरी इंदौर भेजी गई
हरि शंकर धिमोले का ब्रेन हेमरेज होने पर इलाज के लिए शनिवार को सागर से भोपाल लाया गया था। शहर के बंसल अस्पताल में इलाज के दौरान सोमवार को ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन कमेटी ने उनको ब्रेन डेड घोषित कर दिया। परिजनों की सहमति के बाद सूचना स्टेट आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (एसओटीटीओ) को दी गई। यहां से एक किडनी बंसल अस्पताल और दूसरी इंदौर के निजी अस्पताल में ट्रांसप्लांट के लिए अलाट की गई।
पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ दी विदाई
बंसल अस्पताल में अंगदान करने वाले पार्थिव शरीर का पूरे सम्मान के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम विदाई के दौरान फूलों की बारिश से लेकर अन्य तरह से आभार व्यक्त किया गया। साथ ही अस्पताल परिसर से अंगदान जैसे कठिन निर्णय लेने पर परिजनों का भी सम्मान किया गया।
100 यातायात पुलिसकर्मियों ने बनाया 40 किलोमीटर लंबा ग्रीन कारिडोर
भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने भोपाल ने सोमवार 11 बजे भोपाल से इंदौर तक ग्रीन कारिडोर बनाया। इस 40 किमी लंबे ग्रीन कारिडोर में करीब 100 पुलिस कर्मी की ड्यूटी लगाई गइ्र थी। डीसीपी संजय सिंह ने बताया कि सूचना प्राप्त हुई कि बंसल अस्पताल भोपाल से चोइथराम हॉस्पिटल इंदौर तक सड़क मार्ग ह्यूमन आर्गन ले जाया जाना है,इसको लेकर करीब लगभग 100 यातायात पुलिस कर्मी द्वारा बंसल हास्पिटल से फंदा टोल नाका तक लगभग 40 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, इसके कारण मानव अंग को बहुत कम समय में नियत स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।ग्रीन कारिडोर में एंबुलेंस भोपाल से दोपहर 12:30 बजे रवाना हुई थी2.45 घंटे में इंदौर पहुंच गई थी। इस दौरान इंदौर,देवास , सीहोर पुलिस ने व्यवस्था संभाली। सभी चेक प्वाइंट बनाकर पुलिस अधिकारियों ने व्यवस्था को संभाला।पुलिस की इस चाक- चौबंद व्यवस्था के कारण समय पर एंबुलेंस इंदौर पहुंची। रास्ते में कही जाम के हालात नहीं बने।